कुवैत के मंगाफ़ में लेबर कैंप में लगी भीषण आग

कुवैत , फारस की खाड़ी के उत्तरपश्चिमी कोने में स्थित अरब प्रायद्वीप का देश ।कुवैत के मंगाफ़ क्षेत्र में स्थित एक लेबर कैंप में 11 जून 2024 की रात को भीषण आग लगने की घटना सामने आई है।भारतीय दूतावास ने कहा की  इस घटना में 40 भारतीय लोगों की मौत हो गई है  और 30 से ज़्यादा कई अन्य घायल हो गए हैं अधिकतर मज़दूर उत्तरप्रदेश बिहार झारखंड मध्यप्रदेश वे राजस्थान के बताये जा रहे है । यह लेबर कैंप मुख्य रूप से दक्षिण एशियाई मजदूरों के लिए था, जो विभिन्न निर्माण परियोजनाओं में काम कर रहे थे।

आग का प्रारंभिक स्रोत और कारण-

आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह शॉर्ट सर्किट के कारण हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि रात के समय कैंप में ज्यादातर मजदूर सो रहे थे, जिससे उन्हें आग से बचने का मौका नहीं मिल पाया। आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कुछ ही मिनटों में पूरे कैंप को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगते ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। कुवैत की फायर ब्रिगेड टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। बचाव कार्यों में शामिल अधिकारियों ने बताया कि आग बुझाने में कई घंटे लग गए। इस दौरान, राहत कर्मियों ने कई घायलों को अस्पताल पहुंचाया। घायलों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, और मृतकों की संख्या में वृद्धि की संभावना है।

कुवैत में भारतीय दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर.

Emergency Helpline Number: +965-65505246


रूप से दक्षिण एशियाई मजदूरों के यह घटना कुवैत में प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर एक बार फिर से सवाल खड़े करती है। लेबर कैंपों की खराब स्थिति और सुरक्षा मानकों की कमी के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। कुवैत में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर काम करते हैं, जिनमें से अधिकतर दक्षिण एशियाई देशों से आते हैं। इन मजदूरों को अकसर खराब रहने की स्थिति, कम वेतन और असुरक्षित कार्यस्थल का सामना करना पड़ता है।
कुवैत सरकार ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि वे आग के वास्तविक कारणों का पता लगाने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सभी लेबर कैंपों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सुधार की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
तथा कुवैत में भारत के राजदूत @AdarshSwaika ने अस्पताल का दौरा कर भीषण अग्निकांड में झुलसे लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया ।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया-

दक्षिण एशियाई देशों की सरकारों ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, और नेपाली सरकारों ने कुवैत सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच और पीड़ितों के परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

यह घटना न केवल कुवैत, बल्कि पूरे खाड़ी क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कुवैत सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

इस भीषण आग ने एक बार फिर से यह सिद्ध किया है कि प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा और उनके कार्यस्थलों की स्थिति में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है। कुवैत सरकार को इस दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाने होंगे, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके और प्रवासी मजदूरों के अधिकारों की रक्षा हो सके।

कुवैत के उप प्रधानमंत्री का आया बड़ा बयान -‘भवन में मजदूरो को ठूसकर रखा गया

घटना के बाद कुवैत के अप प्रधानमंत्री सेख फवाद उसूफ़ सूद आल सुबहा ने वहाँ जाकर घटना की की जाँच करने के आदेश दिये और तुरंत प्रभाव से उस बिल्डिंगमालिक को गिरफ़्तार करने को कहा है क्यों की इस इमारत में ज़रूरत से ज़्यादा लगभग 190 लोगो को रखा गया था | इमारत में ज़रूरत से ज़्यादा लोगो का होने के कारण घटना के समय लोगो को बाहर निकलने का मोका नहीं मिला जिसके कारण लोगो की दम घुटने से जान चली गई।

इस दुखद घटना पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके जताया दुख –

“कुवैत शहर में आग लगने की घटना दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।’ कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और प्रभावितों की सहायता के लिए वहां के अधिकारियों के साथ काम कर रहा है”

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