मुख्यमंत्री ने राजस्थान में महिलाओं के हित में लिया बड़ा फ़ैसला

राजस्थान में भाजपा सरकार के लगभग छह माह पूरे हो चुके है और अब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देते हुए तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में महिलाओं के हित में उचित फ़ैसला लिया है ये फ़ैसला गुरुवार को हुई बैठक में लिया गया और अपना किया हुआ वादा पूरा किया । इस पर एक प्रेस नोट भी जारी किया गया ।

हालाकि देखा जाये तो तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में महिलाओं को पहले 30% प्रतिशत आरक्ष्ण दिया हुआ था जिसको अब बढ़ाकर 50% कर दिया गया । इस में मौजूदा राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1996 (संशोधित 2004) के भाग-12 में संशोधन करने की प्रशासनिक मंजूरी दे दी है  जिसका हर कोई स्वागत कर रहा है इस फ़ैसले से राजस्थान में महिलाओं को अधिक रोज़गार मिलने के अवसर प्राप्त होंगे जिससे महिलायें आत्मनिर्भर हो सकेगी और रोज़गार प्राप्त कर सकेगी ।
आकड़ो के अनुसार राजस्थान में अभी तीन लाख तृतीय श्रेणी अध्यापक है तथा पिछले साल हुई भर्ती परीक्षा से ज़्यादा पद वर्तमान में रिक्त नहीं है।

वर्तमान में प्रदेश में क़रीब 60 हजार पद तृतीय श्रेणी के ख़ाली पड़े है अगर इन पर आने वाले समय में तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती होती है तो इनमें से अब नये संशोधन के अनुसार 30 हजार पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे जो की महिलाओं के रोजगार में उपयुक्त भागीदारी के लिए फ़ायदेमंद होगा और इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा ।


वर्तमान में राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का फोकस महिलाओं से सम्बन्धित योजनाओ एवं रोजगार पर ज़्यादा है इससे पहले भी राज्य सरकार ने गैस सिलेंडर मात्र 450 रुपए में देने का निर्णय लिया । यह निर्णय उज्ज्वला योजना के तहत लिया गया और अभी इसे लागू कर दिया गया है।


हालाकि सरकार द्वारा लिए गये इस निर्णय के अनुसार पुरूस वर्ग में नाराजगी सी दिखी और लोगो ने ट्विटर / एक्स के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए जो भी एक सोचनिए विषय है क्यू की सिर्फ़ महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने पर और भी वर्गों में इसका बटवारा हो जाएगा जिसके कारण युवाओ के साथ खिलवाड़ हो सकता है । इसमें बेरोजगार लड़कों को 20% भी नहीं मिल पाएगा ।

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